***हरितालिका तीज***
सोलह श्रृंगार आज ही करके
शिव गौरा को खूब सजायें
निर्जल निराहार व्रत धरके
हरितालिका तीज मनायें
व्रतों में व्रतराज कहलाता
हर नारी के मन को भाता
सुंदर हाथ मेहंदी लगाना
चूडियों से कलाई सजाना
भांग धतूरा बेलपत्र भस्मी
महादेव के तन पे रमाना
दूध,दही,इत्र, पुष्प चढ़ाके
संग गौरा को भोग लगाना
दिनभर पूजन अर्चना करके
साँझ को निज व्रतकथा बांचना
करना पाँच पहर पूजा विनती
यही व्रत पूजन विधान रीति
रात भर होते है जगराते
शिव गौरा भजन सब गाते
हॄदय में उल्लास जगायें
आओ सखियों तीज मनायें
कुँवारी मनचाहा वर पाती
विधवा शिवलोक को जाती
सुहागिन करे सुहाग भावना
पूर्ण होती सबकी कामना
✍”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक