हया …
हया …
उम्र जवानी की तो बेमिसाल होती है
नज़र ही जवाब,नज़र सवाल होती है
हर हद से फिर बेख़बर होती है हया
इस उम्र की मुहब्बत कमाल होती है
सुशील सरना
हया …
उम्र जवानी की तो बेमिसाल होती है
नज़र ही जवाब,नज़र सवाल होती है
हर हद से फिर बेख़बर होती है हया
इस उम्र की मुहब्बत कमाल होती है
सुशील सरना