हया में लिपटा ….
हया में लिपटा ….
तन्हाई में तूने जब खुद को संवारा होगा
यकीनन तेरे ज़हन में अक़्स हमारा होगा
ज़ुल्फ़ ने जब रुख़ से शरारत की होगी
हया में लिपटा लब पे नाम हमारा होगा
सुशील सरना
हया में लिपटा ….
तन्हाई में तूने जब खुद को संवारा होगा
यकीनन तेरे ज़हन में अक़्स हमारा होगा
ज़ुल्फ़ ने जब रुख़ से शरारत की होगी
हया में लिपटा लब पे नाम हमारा होगा
सुशील सरना