हम
हमारे जैसा ही होना चाहकर भी, जब हो नही पाते हैं ।
हमारे काम करने के अन्दाज़ से वो लोग जल जाते हैं !
हम तो हमेशा उन ही को गले लगाने की कोशिश करते हैं,
जो हमें परवाना बना कर,खुद शमां बन हमें जलाना चाहते हैं ।
हमारे जैसा ही होना चाहकर भी, जब हो नही पाते हैं ।
हमारे काम करने के अन्दाज़ से वो लोग जल जाते हैं !
हम तो हमेशा उन ही को गले लगाने की कोशिश करते हैं,
जो हमें परवाना बना कर,खुद शमां बन हमें जलाना चाहते हैं ।