हम
तुम्हारे असंख्य शब्द
शब्दों को जोड़ कर
कितने वाक्य
वाक्यों के अर्थ
अलग – अलग
पर सार यही
कि तुम – मैं अधूरे
पूर्ण होगें तब
तुम – मैं से
हम होगें जब ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 27/05/92 )
तुम्हारे असंख्य शब्द
शब्दों को जोड़ कर
कितने वाक्य
वाक्यों के अर्थ
अलग – अलग
पर सार यही
कि तुम – मैं अधूरे
पूर्ण होगें तब
तुम – मैं से
हम होगें जब ।
स्वरचित एवं मौलिक
( ममता सिंह देवा , 27/05/92 )