हम ज़िंदा कब थे ?
हम ज़िंदा कब थे?
अगर हम ज़िंदा होते तो
किसी औरत का अपमान न करते
किसी व्यक्ति की निंदा न करते।
भ्रष्टाचार को बढ़ावा नहीं देते
अगर हम ज़िंदा होते तो
विद्या का व्यापार नहीं करते
शादी को खेल नहीं समझते
बेटा-बेटी में भेद नहीं करते
अगर हम ज़िंदा होते तो
किसी को कम नहीं समझते
खुद पर कभी घमंड नहीं करते
दूसरों को ठेस नहीं पहुंचाते
अगर हम ज़िंदा होते तो
धर्म को बर्बाद नहीं करते
माँ-बाप का अनादर नहीं करते
हर बात पर राजनीति नहीं करते।
इसीलिए तो मैं कहता हूँ
हम ज़िंदा कब थे?
अगर होते तो यह सब न करते।
– श्रीयांश गुप्ता