*हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)*
हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है (हिंदी गजल)
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1)
हम हैं दुबले सींक-सलाई, ताकतवर सरकार है
जितना चाहे हमें दबा ले, उसको यह अधिकार है
2)
भैंस हमारी हमसे छीनी, फिर अधिकारी बोला
लाठी केवल इस दुनिया में, जीने का आधार है
3)
मुॅंह टेढ़ा करके दफ्तर में, अधिकारी बैठा था
चपरासी बोला साहब का, ऐसा ही व्यवहार है
4)
ऊटपटॉंग हुकुम देते हैं, अफसर मन के मौजी
इनकी कारगुजारी का क्या, कोई जिम्मेदार है
5)
जनता को दो धक्के देकर, अफसर गुर्राता है
उसे पता है क्या कर लेगी, जनता तो लाचार है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451