हम हरियाला राजस्थान बनायें
(शेर)- भारत माता के नाम पर, एक पौधा हम लगायें।
अपनी इस मातृभूमि को, आवो स्वर्ग हम बनायें।।
इससे बढ़ेगा विश्व में, हमारा मान और सम्मान।
हरियाली अमावस पर, हरियाला राजस्थान हम बनायें।।
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चलो रे साथी हाथ हम भी बढ़ायें, एक पौधा हम भी लगायें।
हरियाली अमावस पर हम, हरियाला राजस्थान बनायें।।
चलो रे साथी हाथ हम भी बढ़ायें——————-।।
बढ़ता जा रहा है प्रदूषण, दम हमारा अब घुटने लगा है।
बढ़ता जा रहा है तापमान, विनाश पेड़ों का होने लगा है।।
अपनी माँ के नाम पर हम, एक पौधा जरूर लगायें।
हरियाली अमावस पर हम, हरियाला राजस्थान बनायें।।
चलो रे साथी हाथ हम भी बढ़ायें——————।।
पेड़ हैं आधार जीवन के, जीवों के आवास पेड़ हैं।
पेड़ों से ही होती है वर्षा, धरती के श्रृंगार पेड़ हैं।।
आवो पौधें हम लगाकर, इस धरती को स्वर्ग बनायें।
हरियाली अमावस पर हम, हरियाला राजस्थान बनायें।।
चलो रे साथी हाथ हम भी बढ़ायें——————।।
भोजन, वायु , औषधि, पेड़ों बिना हमको नहीं मिलेगी।
बंजर होगी यह धरती, बाढ़- तबाही यहाँ बहुत बढ़ेगी।।
पेड़ लगाकर धरती माँ का, आवो हम कर्ज चुकायें।
हरियाली अमावस पर हम, हरियाला राजस्थान हम बनायें।।
चलो रे साथी हाथ हम भी बढ़ायें——————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)