हम से कहता है वो हम मार दिए जायेंगे
सरे राह मौत के घाट उतार दिए जाऐंगे
हमसे कहता है वो हम मार दिए जाऐंगे
दरख़्त से कहो गफलतो से बाहर निकले
तेरी शाख के पत्ते वरना झार दिए जाऐंगे
तय ये हुआ है मेरे मुहाफ़िज़ तेरे महसूल अब
इस पार दिए जायेंगे न उस पार दिये जाऐंगे
चाहतों से सजी तेरी इस मोहब्बत के दाम
न लाख दिये जायेंगे न हजार दिए जाऐंगे
तुम और तुम्हारी औकात क्या है “आलम”
अखाड़ों मे अच्छे अच्छे पछार दिए जाऐंगे
मारूफ आलम