हम सा किरदार न पाओगे
उम्र कटे कितनी भी पर खुद से बेजा़र न पाओगे
दिल में एक ही कमरा है इसमें दीवार न पाओगे
है वजूद सबका अपना तौहीन नहीं करता लेकिन
रंगमंच पर दुनिया के हम सा किरदार न पाओगे
उम्र कटे कितनी भी पर खुद से बेजा़र न पाओगे
दिल में एक ही कमरा है इसमें दीवार न पाओगे
है वजूद सबका अपना तौहीन नहीं करता लेकिन
रंगमंच पर दुनिया के हम सा किरदार न पाओगे