Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Mar 2022 · 1 min read

हम समझने को सब

ख़ुद को ही बस समझ नहीं पाते ।
हम समझने को सब समझते हैं ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
8 Likes · 144 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
ये सिलसिले ऐसे
ये सिलसिले ऐसे
Dr. Kishan tandon kranti
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
हक औरों का मारकर, बने हुए जो सेठ।
डॉ.सीमा अग्रवाल
गांव और वसंत
गांव और वसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
तेरी आंखों की बेदर्दी यूं मंजूर नहीं..!
SPK Sachin Lodhi
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
चले हैं छोटे बच्चे
चले हैं छोटे बच्चे
कवि दीपक बवेजा
सो चुके जीव सभी
सो चुके जीव सभी
Chitra Bisht
कामयाबी का नशा
कामयाबी का नशा
SHAMA PARVEEN
प्रदूषण
प्रदूषण
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मस्ती का त्योहार है होली
मस्ती का त्योहार है होली
कवि रमेशराज
"बेचारा किसान"
Dharmjay singh
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
उल्लू नहीं है पब्लिक जो तुम उल्लू बनाते हो, बोल-बोल कर अपना खिल्ली उड़ाते हो।
Anand Kumar
छोटी कहानी -
छोटी कहानी - "पानी और आसमान"
Dr Tabassum Jahan
मेरा जीने का तरीका
मेरा जीने का तरीका
पूर्वार्थ
पुस्तक
पुस्तक
Vedha Singh
*ए.पी. जे. अब्दुल कलाम (हिंदी गजल)*
*ए.पी. जे. अब्दुल कलाम (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
उसे भूला देना इतना आसान नहीं है
Keshav kishor Kumar
चले न कोई साथ जब,
चले न कोई साथ जब,
sushil sarna
दूर दूर तक
दूर दूर तक
हिमांशु Kulshrestha
3962.💐 *पूर्णिका* 💐
3962.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दिया है हमको क्या तुमने
दिया है हमको क्या तुमने
gurudeenverma198
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
मेरे पास फ़ुरसत ही नहीं है.... नफरत करने की..
shabina. Naaz
.........???
.........???
शेखर सिंह
ये दाग क्यों  जाते  नहीं,
ये दाग क्यों जाते नहीं,
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
सभी को सभी अपनी तरह लगते है
Shriyansh Gupta
I want my beauty to be my identity
I want my beauty to be my identity
Ankita Patel
हर
हर "प्राण" है निलय छोड़ता
Atul "Krishn"
शेर-
शेर-
*प्रणय*
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...