“हम सभी यहां दलाली कर रहे हैं ll
“हम सभी यहां दलाली कर रहे हैं ll
काम करने में अलाली कर रहे हैं ll
दिमाग में गंदगी भर गई है,
दिल को खाली कर रहे हैं ll
किस्मत चमकाने के चक्कर में,
करतूतें काली-काली कर रहे हैं ll
फूल खिलते ही तोड़कर ले जाते हैं,
बस इतना ही काम माली कर रहे हैं ll
सुकून को ख्वाहिशें में लुटा रहे हैं,
बेचैनियों की रखवाली कर रहे हैं ll”