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19 Sep 2017 · 1 min read

हम सब को मिलकर

????हम सब को मिलकर????
हम सब को मिलकर,नया भारत बनाना है
सो रहा जो मानव हम में,उसे जगाना है
हमजोली,हमराही है हम,चलना है हमें साथ
रह जाये न कोई पीछे,कदम मिलाना है
हम सब को मिलकर……
राह कठिन है फिर भी छूना,आसमान हमको
हर मुश्किल को नन्हें कदमों से ठुकराना है
हम सब को मिलकर……
भागम भाग में हम खुद की पहचान न खो बैठें
क्षणिक मनन कर अपनी भी पहचान बचाना है
हम सब को मिलकर……
अच्छी बातों को महज लफ़्जों का जान के खेल
नहीं हमें अब कर्तव्यों से मुँह चुराना है
हम सब को मिलकर……
तनहा,तनहा हम तिनके हैं शक्तिहीन मजबूर
बनकर गट्ठर हमें अपना लोहा मनवाना है
हम सब को मिलकर……
चंद भेड़ियों की बातों में आकर के सुन लो
नहीं आपसी हमको अपना प्यार भुलाना है
हम सब को मिलकर …….
आज़ादी की वर्षगाँठ पर,आओ प्रण यह लें
माँ के हर दुश्मन को हमने धूल चटाना है
हम सब को मिलकर……
✍हेमा तिवारी भट्ट✍

Language: Hindi
Tag: गीत
229 Views
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