Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jul 2020 · 1 min read

“हम वो हिन्दुस्तानी थे”

वतन के हित मे जिये,हम वो हिंदुस्तानी थे.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी.
हम मातृभूमि के लाल,वतन के हर दुश्मन से टकराये थे.
आज भी अमर है हम,क्योंकि देश हित मे हमने प्राण गवाये थे.
प्यार, परिवार सब त्याग दिया,क्योंकि खून मे डूबी जवानी थी.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी.
सुभाष,भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद अनेको नाम हमारे थे.
माथे पर बांध कफन,इंकलाब के लगते नारे थे.
खून मे थी गर्मी बनी,जिश्म मे जो जीत कि रवानी थी.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी.
वीरों का बलिदान ना भूलो,देश के वासी.
देश कि सम्मान के खातिर,हर एक ने अपनी बली चढ़ा दी.
तोड़ जंजीर हिन्द आजाद किया,जो भी अंग्रेजो कि गुलामी थी.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी.
धन्ये है वो माँ,जिनके वीर वो मतवाले थे.
धन्ये है वो नारी,जिसने अपने मंगलसूत्र उतारे थे
छीन नहीं सकता कोई हमसे,स्वतंत्र देश ऐसी निशानी थी.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी.
वतन के हित मे जिये,हम वो हिंदुस्तानी थे.
मातृभूमि के हर एक जर्रे मे,लिखी हमारी कहानी थी

Language: Hindi
5 Likes · 4 Comments · 244 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
आशा ही निराशा की जननी है। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
रास्ता तुमने दिखाया...
रास्ता तुमने दिखाया...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
*मेरी गुड़िया सबसे प्यारी*
Dushyant Kumar
हमारे रक्षक
हमारे रक्षक
करन ''केसरा''
सोचने लगता हूँ अक़्सर,
सोचने लगता हूँ अक़्सर,
*प्रणय*
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
शायरी - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
किसी भी व्यक्ति के अंदर वैसे ही प्रतिभाओं का जन्म होता है जै
किसी भी व्यक्ति के अंदर वैसे ही प्रतिभाओं का जन्म होता है जै
Rj Anand Prajapati
जीवन  आगे बढ़  गया, पीछे रह गए संग ।
जीवन आगे बढ़ गया, पीछे रह गए संग ।
sushil sarna
प्रकृति
प्रकृति
Bodhisatva kastooriya
अंतरात्मा की आवाज
अंतरात्मा की आवाज
SURYA PRAKASH SHARMA
"हल्दी"
Dr. Kishan tandon kranti
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
रहिमन धागा प्रेम का
रहिमन धागा प्रेम का
Shashi Mahajan
बड़ी तक़लीफ़ होती है
बड़ी तक़लीफ़ होती है
Davina Amar Thakral
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
रात  जागती  है रात  भर।
रात जागती है रात भर।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
#विषय:- पुरूषोत्तम राम
Pratibha Pandey
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
दिसम्बर माह और यह कविता...😊
पूर्वार्थ
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
मुफ़लिसी से वो डर गया होगा ,
Dr fauzia Naseem shad
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
3707.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
दो दिन की जिंदगी है अपना बना ले कोई।
Phool gufran
विद्वत्ता से सदैव आती गंभीरता
विद्वत्ता से सदैव आती गंभीरता
Ajit Kumar "Karn"
प्यार के ढाई अक्षर
प्यार के ढाई अक्षर
Juhi Grover
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
अगर सड़क पर कंकड़ ही कंकड़ हों तो उस पर चला जा सकता है, मगर
Lokesh Sharma
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
यदि कोई व्यक्ति कोयला के खदान में घुसे एवं बिना कुछ छुए वापस
Dr.Deepak Kumar
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
World Blood Donar's Day
World Blood Donar's Day
Tushar Jagawat
--बेजुबान का दर्द --
--बेजुबान का दर्द --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...