हम लव कुश की सन्तान है
हां जी हमे़ं अभीमान हैं ।
गर्व से कहते हैं हम लव कुश की सन्तान हैं ।
बहुतायत में होकर भी एकता जिनकी पहचान है ।
टुकड़ों को भारत बनाया वो वल्लभभाई महान हैं ।
भारत की अर्थव्यवस्था की सदियों से हम जान हैं ।
माथे पर मिट्टी सजाये वो भारत का किसान हैं ।
मिट्टी को करते नमन हल जिनका निसान है ।
जी हां हम सदियों से आर्यवर्त्त की शान हैं ।
सच्चाई की कसमें खालो सूरज सा ईमान है ।
भोला भी मत जानो इनमें छत्रपति के प्राण हैं ।