*”हम माँ भारती के शूरवीर”*
हम रणबांकुरों की शत्रुओं पर विजय पाकर शौर्य संग सांसें थमीं हैं।
बहुत कुछ करना रह गया बाक़ी बस यह सोंच कर आँखों में नमीं है।
छोड़ जा रहें बिलखते हुए अपनें अपनों को तेरी गोंद में माँ भारती!
किन्हीं रत्नों की क्या बिसात जो ओढ़नें को तिरंगा सोनें को जमीं है।
??जय हिंद??
-Rekha Sharma “मंजुलाहृदय”