हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
सरगोशिया इश्क़ की
जुल्फों को
अपनी मचलने दो
पलकों को झुकाये बैठे हो क्यूँ
मस्तियाँ..
अपनी आंखों की बिखरने दो
गिरा के
बिजलियाँ अपने हुस्न की
किस क़दर
बेख़बर से बैठे हो, बस फ़ना होने दो
हिमांशु Kulshrestha
हम भी तो देखे
सरगोशिया इश्क़ की
जुल्फों को
अपनी मचलने दो
पलकों को झुकाये बैठे हो क्यूँ
मस्तियाँ..
अपनी आंखों की बिखरने दो
गिरा के
बिजलियाँ अपने हुस्न की
किस क़दर
बेख़बर से बैठे हो, बस फ़ना होने दो
हिमांशु Kulshrestha