!!!हम भी जीलें, तुम भी जी लो!!!
वैसे तो दिल नहीं दुखाया ,कभी हमने किसी का।
बेवजह ही कोई रूठ जाए ,दोष इसमें है उसी का।
न सीखा हमने रूठना ऐंठना कभी भी मित्रों,
जीवन जीते हैं हम तो अपना खुशी का।।
सादगी चेहरे पर ,ताजगी हृदय में रखते हैं।
हमारे जैसे सब बन जाए ,क्या जाता है किसी का।।
कटते पल हंसते हंसते, चलते हम सीधे रस्ते।
आओ जी लेते हैं अनुनय, जिंदगी नाम इसी का।।
तकरार करो फिर इकरार करो, यह हमारे बस में कहां।
भरोसे का भरा खजाना ,धन नहीं चुराते किसी का।।
हम भी जी ले ,तुम भी जी लो, जिंदगी के दिन चार।
न जाने कब जीवन सांझ ढले, कहां भरोसा किसी का।।
राजेश व्यास अनुनय