हम भी चले आए हैं __मुक्तक
तेरी महफिल को सुनने हम भी चले आए हैं।
सुना दो कुछ ऐसा कि हम भी चले आए हैं।।
निकले है यही सोच के तुम अपना बना लोगे हमें।
चुनने को आज तुमको हम भी चले आए हैं।।
राजेश व्यास अनुनय
तेरी महफिल को सुनने हम भी चले आए हैं।
सुना दो कुछ ऐसा कि हम भी चले आए हैं।।
निकले है यही सोच के तुम अपना बना लोगे हमें।
चुनने को आज तुमको हम भी चले आए हैं।।
राजेश व्यास अनुनय