हम भी आर्मी में हो,
कविता
हम भी आर्मी के हो,
हर युवा के मन उठती यही उमँग हैं,
मैं जाओं फौज में तिरंगा मैरे संग हो,|
शीना चौड़ा हो जाता हैं जब देखा जवान को ,
सब चाहते हैं इन्हें दिल और जान से सब की यही पहचान हो,|
जब चलते हैं जे सड़कों पर सभी में इनका सम्मान हो,
बूढ़े हो या युवा हो चाहे अनपढ़ सभी के दिल से इनका सम्मान हो,|
वाॅडर हो या देश हो चाहे बीच बजार हो,
रहते हैं ये लड़ने को तैयार वाॅडर हो चाहे देश में कोई गद्दार हो,|
ऐ हैं देश इन्हीं के हवाले आज भी सुरक्षित हमारी सांस हैं,
मीठीं वाणी और प्रशनंता बस इन्हीं का सदकार हो,|
ये देश हमारीं शान वान बस यही हमारा काम हो,
देश के लिये काम आने को हर कोई तैयार हो,|
नेता हो या अधकारी सभी के बच्चों का इसमें नाम हो,
ये आर्मी हैं देश की न कोई छोटा न बड़ा सभी का इसमें सम्मान हो,|
देश की सुरक्षा की खातिर तैयार हो जाने को,
नेता हो या अधिकारी चाहे हर एक एक परिवार हो,|
जवानों का नाम हो जाऐ आगे,आगे ही इसकी शान हो,
ये कामना हमारें जीवन की हमारें देश का नाम हो,|
किसान भी न छूट पाऐ कोई सभी के मुँह पर इनका नाम हो,
न हो पाऐ उनकी मेहनत बैकार न ही फसल उँगाने का अवतार हो,|
ये देश हमारा सब एक हैं एक में ही नाम हो,
ये आदत हो हम में तो फूट डालने की मेहनत बैकार हो,|
ये शान हमारी भारत भूमि भारत माता हैं,
तो हमारें देश को स्थिति से चालाने वाला पिता का दर्जा भारतीय संविधान हो,
हर कोई युवा जाये आर्मी में बस हमारी तैयारी का अवतार हो,
आर्मी हमारी जिंदावाद हैं जिंदावाद ही हमारा हिन्दुस्तान हो,|
तभी तो होगा वो नारा कामयाब जिसके लिये दिल में उठी उँमग हैं,
जय जवान ,जय किसान, जय हिन्दुस्तान, जय भारतीय संविधान हो,||
Writer— Jayvind singh nagariya ji