हम बालक भोले-भाले हैं
हम बालक भोले – भाले हैं।
चाहे गोरे हैं या काले हैं।
है अपनी अलग सी दुनिया,
हम जग में सबसे निराले हैं।
छोटे – छोटे से पग हैं अपने,
पर्वत पर भी चढ़ने वाले हैं।
कोशिश न करो फुसलाने की,
हम सबकुछ समझने वाले हैं।
डरते नहीं तूफानों से भी हम,
कई संकटों को हम टाले हैं।
है पास चाबियाँ उनकी भी,
जो बंद किस्मत के ताले हैं।
मत कम आँकना भूलकर हमें,
जज़्बा दिल में अनेक पाले हैं।
नहीं रूकने वाले अब हम ,
बस धारा – सा बहने वाले हैं।