हम पूछे सवाल
गांव गांव हर शहर गली
क्यूँ फैला मौत का जाल?
हर जन मन बेहद चिंतित है
हम किससे पूछे सवाल?
आखिर क्यूँ है बुरा हाल?
और कौन है जिम्मेदार ?
जगह जगह फैला है कोरोना
बना रहस्यमयी यह बुखार l
झूठी घोषणा बहुत हुई है l
पर अस्पतालों में सुविधाएं नहीं है l
जहां कहीं ग़र सुविधा है,
वहां डाक्टर, स्टाफ़ उपलब्ध नहीं l
किसी जीवन से खिलवाड़ करो,
यह बात तो ठीक नहीं!
हम किससे पूछे सवाल?
आखिर क्यूँ है बुरा हाल?
और कौन है जिम्मेदार?
ना समझ में आये क्या है मैटर?
कहाँ गायब हैं सब वेंटिलेटर?
पीड़ित हैं परिवार जो कोई
जिन्हे नहीं सहारा, वे आँखे रोई l
स्वास्थ्य व्यवस्था हुई भ्रष्टाचारी
शुरू ऑक्सीजन की कालाबाजारी
बढ़ रही एम्बुलेंस सेवा में ठगी
और नदियों में हैं अब लाशें बही l
सब सुधार रहा है सरकारें कह रही
बस झूठे सारे ये दावे दे रही l
बात सामने आई है जब हमने की पड़ताल l
हम सबसे पूछे सवाल l
आखिर क्यूँ है बुरा हाल,
और कौन है जिम्मेदार?
गाँव – शहरों में जो बड़े अस्पताल हैं
उन्हें मोटी रकम का इंतजार है l
चाहे कोई जीये या मर जाए!
भले सही औषधि उपचार ना पाए
पीडि़त का यह हाल ना सुने,
बंद कर लेते अपने कान l
परिजनों को घबरा कर कहते,
तुम धन का करो भुगतान l
हम उनसे पूछे सवाल l
आखिर क्यूँ है बुरा हाल?
क्या नहीं तुम जिम्मेदार?
इस लोकतंत्र के कैसे ये पिलर है?
जिनके हाथों में जीवन का ट्रिगर है l
ग़र धन से वंचित है कोई पीड़ित,
उनको देते बस पेन किलर है l
मौत के सौदागरो का बड़ा व्यापार है l
जहां चिता जल रही, उस हर घर में अंधकार है l
मृतक के आंकड़े बन रहे हैं ब्रेकिंग न्यूज l
भारत का जन – जन हो रहा बहुत कन्फ्यूज l
हम उनसे पूछे सवाल l
जो हैं बेबस और बेहाल,
अब कौन है जिम्मेदार?
झूठ की हर एक रिपोर्ट में,
विश्वासघात के वोट मे,
सेवाओं के बढ़ते खोट में
जीवन बिक रहा है नोट में
दुखी हृदय मन की चोट में
लड़ रहे हो केस अब कोर्ट में
मजबूर की देखकर मजबूरी
क्यूँ लगे हुए हो लूट में?
क्यूँ लगे हुए हो लूट में?
अरे पापी थम जाओ जरा
सत्य नहीं किसी से है मरा
है बुरा कर्म जिसने किया
कभी वक्त ना देता उसे भला
जनता पर जुल्म जो करता है
तुझ तक सब वापस आएंगे
तुझको भी बहुत रुलाएंगे
सिर शर्म से तब झुक जाएगा
जिस दिन तू जग से जाएगा
ना कंधा किसी से पाएगा
ना पश्चाताप कर पाएगा l
काहे का तुझमें द्वेष है
भारत ही तेरा देश है
इस ढ़ोंग और अत्याचार का
तू त्याग दे जो यह भेष है l
इस समय तू रुक अब सोच लें
नेकी का रास्ता खोज ले
हर हाल में इंसान बन कर तू
इस देश को सेवा रोज दे l
अभी देश का है बुरा हाल
हाँ बानो तुम जिम्मेदार
और नैतिक हो संसार
बढ़ते अन्याय के विरुद्ध
साहस से करो प्रहार l
यह है मानवता का सवाल
छोड़ो झूठा व्यापार
ना बढ़े ये नरसंहार l
करो सेवा और सत्कार
हर जीवन को उचित स्वास्थ्य मिले,
और मिले स्नेह व प्यार
यह स्वप्न करें साकार l
आओ स्वप्न करें सकारा l
सभी उनसे करें सवाल
जिनको शक्ति का अधिकार
तुम्हें रहना था तैयार क्यूँ नहीं रहे तैयार?
हम उनसे पूछे सवाल l
आखिर क्यूँ है बुरा हाल,
क्या नहीं तुम जिम्मेदार?
– राहुल प्रसाद ? 9213823002
(इंडियन आर्टिस्ट ग्रुप ?)
ओपन टॉक
ब्यूरो चीफ़ दिल्ली
बदरपुर विधानसभा क्षेत्र, नई दिल्ली 110044.