हम पंछी उन्मुक्त गगन के।
हम पंछी उन्मुक्त गगन के,
धरती पर हम जन्मे थे।
वन में हमने खाना सीखा ,
कीड़े मकोड़े पकड़ते थे।
नदियों पर से उड़ कर जाना,
अपनी मिठास भरी आवाज से गाना सुनाना।
खेतों से अन्न चुरा कर खाना ,
सबके साथ प्रेम रास रचाना।
यह सब कुछ हम करते जब तक,
मन हमारा संतुष्ट ना हो जाता।
धन्यवाद।