हम नहीं लोग कहते हैं
खोए खोए से रहते हो
कभी कुछ नहीं कहते हो
लगता है तुम्हें इश्क हुआ है
जो सब चुपचाप सहते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
जब से मिली है मंजिल
तुम बहुत खुश रहते हो
बिलकुल भी मगरूर नहीं हो
जो देखते भी नहीं थे तुम्हें
उनकी भी बात सुनते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
हमेशा खुशी खुशी रहते हो
दुनिया को जन्नत कहते हो
जो मिल जाए मेहनत से
उसी में तुम संतुष्ट रहते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
दर्द को दिल में रखते हो
किसी से नहीं कहते हो
जान जाते है फिर भी सभी
अपनी आंखों से कहते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
मिलने जाते हो चुपके से उसे
नहीं पता किसी को मानते हो
दुनिया सबकुछ जानती है
तुम खुद को चालक मानते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
हो जैसे तुम दिखते नहीं हो
जो सोचते हो कहते नहीं हो
ये सब भी पता है सबको
सिर्फ तुम ये जानते नहीं हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।
हार नहीं मानते कभी भी
हर मुसीबत से लड़ते हो
जब तक जीत ना जाओ
बस संघर्ष करते रहते हो
ऐसा हम नहीं लोग कहते हैं।।