हम नन्हें नन्हें हाथों से(19)
19
माना पले गरीबी में हम
मगर किसी से कहीं नहीं कम
कुछ बनकर हम दिखलायेंगे
बड़ा हौसलों में रखते दम
करनी पड़ती है मजदूरी
अपनी तो ये है मजबूरी
मगर किताबों से रक्खी है
नहीं जरा सी हमने दूरी
विद्यालय भी जाकर पढ़ते
और काम भी घर का करते
नौनिहाल हैं हम भारत के
मेहनत से तो कभी न डरते
अपने मजबूत इरादों से
खूब लड़ेंगे हालातों से
स्वप्न सभी साकार करेंगे
हम नन्हें नन्हें हाथों से
13-11-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद