हम दुआएं हर दिल को देते है।
हम दुआएं हर दिल को देते है।
फिर क्यों गम हमको मिलते है।।1।।
बदस्तूर दर्दों में हम जी रहे हैं।
क्या ज़िंदगी इसी को कहते है।।2।।
वो है दुआओं का हासिल मेरे।
बचाके सबसे उसको रखते है।।3।।
नूर ए जन्नत चेहरे पर चमके।
फरिश्तो के जैसे वो लगते हैं।।4।।
खुद का पता ना उन्हें अपना।
वफा के हममें निशां ढूंढते है।।5।।
प्यास में कबसे भटक रहे है।
सेहरा में आब को खोजते है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ