हम दीपावली मनाएँगे (बाल कविता)
हम दीपावली मनाएँगे (बाल कविता)
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खों खों खो खों सब करते हैं
देखो कितना ज्यादा,
उस पर हमने धुँआ
शोर आतिशबाजी का लादा
मम्मी पापा! इस दीवाली
नहीं पटाखे लाएँगे
शोर हवा में अब हम बच्चे
नहीं और फैलाएँगे
बच्चों की बैठेगी संसद
यह कानून बनाएँगे,
बिना पटाखों को छोड़े
हम दीपावली मनाएँगे
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रचयिता: रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश )
मोबाइल 99976 15451