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23 Oct 2022 · 1 min read

*हम दीपावली मनाऍंगे (बाल कविता)*

हम दीपावली मनाऍंगे (बाल कविता)
_______________________
खों-खों-खों-खों सब करते हैं
देखो कितना ज्यादा,
उस पर हमने धुऑं-शोर
आतिशबाजी का लादा

मम्मी-पापा ! इस दीवाली
नहीं पटाखे लाऍंगे,
शोर हवा में अब हम बच्चे
नहीं और फैलाऍंगे

बच्चों की बैठेगी संसद
यह कानून बनाऍंगे
बिना पटाखों को छोड़े
हम दीपावली मनाऍंगे
———————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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