Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Aug 2020 · 1 min read

हम दीपक हम ही उजियारे

जल उठते खुद सांझ सकारे ,
हम दीपक हम ही उजियारे !

चले अकेले हैं बचपन से
डरे कभी न पथ निर्जन से
अपना सीना तान निरन्तर
बढ़ते जैसे मेघ पवन से

घनी अमावस की रातों में
खेले जैसे टिमटिम तारे
हम दीपक हम ही उजियारे !

अपना बोझा स्वयं उठाया
नहीं किसी ने हाथ लगाया
काम आ गए दूजो के पर
अपने काम न कोई आया

कंटकमय गलियारे हमने
अपने हाथों खूब बुहारे
हम दीपक हम ही उजियारे !

मिला प्रेम से मित्र बनाया
जीवन गीत मधुर स्वर गाया
मन में भाव कपट का देखा
तो हृदय का द्वार लगाया

सुख दुख के मंजर जीवन में
हमने सौ सौ बार निहारे
हम दीपक हम ही उजियारे !

अपनों ने उत्साह बढ़ाया
रही बड़ों की सर पर छाया
अपने हित को पीछे रखकर
परहित का ही धर्म निभाया

ईश्वर पर विश्वास रखा तो
लगी प्रेम से नाव किनारे
हम दीपक हम ही उजियारे !

Language: Hindi
1 Comment · 489 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मेरे भी दिवाने है
मेरे भी दिवाने है
Pratibha Pandey
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
*शीतल शोभन है नदिया की धारा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
आंखों में
आंखों में
Dr fauzia Naseem shad
नफ़्स
नफ़्स
निकेश कुमार ठाकुर
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
..
..
*प्रणय*
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
मोहब्बतों की डोर से बँधे हैं
Ritu Asooja
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
एक ठंडी हवा का झोंका है बेटी: राकेश देवडे़ बिरसावादी
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
रफ़्तार - ए- ज़िंदगी
रफ़्तार - ए- ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
बहू
बहू
Buddha Prakash
सादगी मुझमें हैं,,,,
सादगी मुझमें हैं,,,,
पूर्वार्थ
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
शीर्षक:इक नज़र का सवाल है।
Lekh Raj Chauhan
अश'आर हैं तेरे।
अश'आर हैं तेरे।
Neelam Sharma
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
*स्वस्थ देह दो हमको प्रभु जी, बाकी सब बेकार (गीत)*
Ravi Prakash
वक़्त और नसीब
वक़्त और नसीब
gurudeenverma198
"सोचो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अंधेरे आते हैं. . . .
अंधेरे आते हैं. . . .
sushil sarna
कहानी उसके हाथ में है, वो..
कहानी उसके हाथ में है, वो..
Shweta Soni
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
रमेशराज के कहमुकरी संरचना में चार मुक्तक
कवि रमेशराज
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
4240.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
राष्ट्रीय किसान दिवस : भारतीय किसान
Satish Srijan
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
फ़लसफ़ा है जिंदगी का मुस्कुराते जाना।
Manisha Manjari
जज़्बात पिघलते रहे
जज़्बात पिघलते रहे
Surinder blackpen
Loading...