हम तो हौसला रख के आए थे जिंदगी गंवाने का।
ज्यादा जुनून नहीं था मुहब्बत में कुछ पाने का ,
हम तो हौसला रख के आए थे जिंदगी गंवाने का।
करोगे तो जानोगे कि इश्क़ बला क्या है,
इश्क़ कोई अल्फाज़ नहीं है समझाने का।
मैं जिसकी आँखों में नमी नहीं देख सकता,
उसी को मजा आ रहा है मुझे रुलाने का।
जिसे बचाने की खातिर हम इस दरिया में कूदे थे
उसे कभी ख़्याल नहीं आया हमें बचाने का।
तुम समझे हम कोई पागल है या जोकर है,
हम कोई मौका नहीं छोड़ते थे तुम्हें हंसाने का।
हम उस गिरे हुए शख़्स को भी उठाने पहुंचे,
जिनके दिमाग में ख़्याल था हमें गिराने का।