हम तेरे शरण में आए है।
हम तेरे शरण में आए है,
हे बुद्ध ! तुमसे पाने को ज्ञान,
जीवन अपना सफल बनाने,
माध्यम मार्ग अपनाने आए है।
हम तेरे शरण में आए है,
हे बुद्ध! बरसाओ करुणा अपार,
जीवन भर जाए खुशियों से,
वह सत्य मार्ग अपनाने आए है।
हम तेरे शरण में आए है,
हे बुद्ध! दिखा दो निर्वाण मार्ग,
जीवन हो जाए दुखो से पार,
अष्टांग मार्ग अपनाने आए है।
हम तेरे शरण में आए है,
बुद्धम शरणम् गच्छामि,
धम्मं शरणम् गच्छामि,
संघं शरणम् गच्छामि।
रचनाकार
✍🏼✍🏼
बुद्ध प्रकाश
मौदहा हमीरपुर।