“हम तेरी मोहब्बत को”
कुछ खत मोहब्बत भारी बातों के,
सीने से लगाए बैठे हैं।
हम तेरी मोहब्बत को दिल में समाए बैठे हैं।
वो प्यार का पहला खत,मोहब्बत की शुरुआत थी।
जिसमे मेरी तारीफ़, और तेरी बातें बेशुमार थी।
हम तेरे जज्बातों को ,
अपनी पलकों पर उठाए बैठे हैं।
हम तेरी मोहब्बत को दिल में समाए बैठे हैं।
वो दूजा खत मोहब्बत का इजहार था।
होठो पर मुस्कान और हाथों में गुलाब था।
अब उनको हम,
अपना हमसफ़र बनाए बैठे है।
हम तेरी मोहब्बत को दिल में समाए बैठे हैं।
कुछ खत मोहब्बत भारी बातों के,
सीने से लगाए बैठे हैं।
हम तेरी मोहब्बत को दिल में समाए बैठे है