मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
हम तन्हा जब भीड़ में,रहते थे दिन रैन
करी स्वयं से दोस्ती , पाया दिल का चैन
पाया दिल का चैन,समय को भी पहचाना
जगा आत्मविश्वास, हमें आया मुस्काना
कहे ‘अर्चना ‘ बात, हौसला देते हैं ग़म
मन देता है साथ , दुखों के साथी हैं हम
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद