हम जिनके बीच में __ कविता
हम जिनके बीच में रहते है
वे हमसे यही कहते है।
तुम्हारे लिए जान भी हाजिर,
आफत में तन्हा रहते है।।
समझ नही पाते है हम,
लोग ऐसा क्यों कहते है।।
हमने कभी न ऐसा वादा किया,
हम सबके संग में रहते है।।
राजेश व्यास अनुनय
हम जिनके बीच में रहते है
वे हमसे यही कहते है।
तुम्हारे लिए जान भी हाजिर,
आफत में तन्हा रहते है।।
समझ नही पाते है हम,
लोग ऐसा क्यों कहते है।।
हमने कभी न ऐसा वादा किया,
हम सबके संग में रहते है।।
राजेश व्यास अनुनय