” हम छी फेसबुक “खटरा हजाम “
( शुद्ध व्यंग थीक )
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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पहिने घरे -घरे पहुँचैत छलहूँ ..किनको दाढ़ि बनबैत छलहूँ ..किनको केस छांटय पडैत छल …मुंडन ,…..उपनयन आ विवाह इत्यादि मे हमर खोज- पुछारी खूब होइत छल ! …..बारहों मास हम व्यस्त रहित छलहूँ …आइ इ टोल त काल्हि ओ टोल ..आइ हिनका घर त काल्हि हुनका घर केस कतरय
ला जाइत छलहूँ …..!….. इ त गप्प भेल हमर जीविका उपर्जनक बात !..हमरा लोग …..”गामक मीडिया “……कहेत छलाह !….. ओना राष्ट्रीय आ अंतरराष्ट्रीय समाचार त रेडिओ आ अख़बार सं हुनका लोकनि कें ताहि दिन भेटैत रहित छलनि …..मुदा गामक गतिविधि क सुचना हमहीं टा देत छेलियनी !…. भूलन बाबू क पोतोहू केना हुनका तकलीफ दैत छथिन अप्पन सास ससुर कें ?….फिरण बाबू क घर मे बेटा संगें केना झगडा बाझल रहित छनि …गाम मे भोजकभात….नौत -पत्ता की भांज छैक ….इत्यादि -इत्यादि….एहिना हम गामक सुचना मंत्रालय क कार्यभार सम्हारने रहि..!……… किछु दिन ला कलकत्ता की चलि गेलहुं ..लोग क जिज्ञासा पुछू नहि…खटरा हजाम….खटरा हजाम …. कतय चलि गेल ?…….गाम घरक समाचार ,चुगली चपाटी आब के करत ?……..के सुनायत ? ……..आब बिसरि जाऊ हमरा …….आब हमर नमो बदलि गेल अछि …पहिने लोग हमरा ..खटरा ….खटरा …रो !..खटरा कहिकें शोर पाडैत छलाह !…आब हमरा लोग “खगेन्द्र ठाकुर” कहैत अछि ….भेष भूषा हम बदलि लेलहुँ …भाषा कनि हमरो बदलि गेल ….कियो पुछ्लनि त जबाब मे हम कहैत छैलियनी …”मैथिली हम भूल गया …….हमरो कनि-कनि बंगाली आता है “.!…….हाथ मे हम एनरोइड मोवाइल रखने छी …काज त हजाम वाला आ घरे घर चुगली केनाय सं त मुक्ति भेट गेल !… ..सुचना प्रसारणक कार्य मोबाइले सं करय लगलहूँ….”……. रेवती बाबू जे हमर गामक गणमान्य लोक छलाह हुनकर आइ सातम पुण्यतिथि छैनि “………….” ढुल पाठक क महिस आ हुनकर कुकुरक प्रेमक दोसर सालगिरह “………..आब त हम फेसबुक सं जुड़ि गेल छी…..हमरा किछु लिखय नहि अबैत अछि …हम मैथिली बिसरि गेलहुं ..कखनो कखनो फेसबुक मित्र लोकनि हमरा कहैत छथि…”इ .खटरा हजाम बहिर अछि आ अपने तालें नचैत अछि !”
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखण्ड