Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।

हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
ये जिंदगी मुझे रब इबादत के लिए दी है ।।
Phool gufran

1 Like · 112 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्रश्नों का प्रासाद है,
प्रश्नों का प्रासाद है,
sushil sarna
गौर किया जब तक
गौर किया जब तक
Koमल कुmari
3580.💐 *पूर्णिका* 💐
3580.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम
पकड़ मजबूत रखना हौसलों की तुम "नवल" हरदम ।
शेखर सिंह
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
गर तहज़ीब हो मिट्टी सी
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
लोगों के रिश्मतों में अक्सर
लोगों के रिश्मतों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता
Jogendar singh
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
जन्मदिन विशेष : अशोक जयंती
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
शिक्षा और संस्कार जीवंत जीवन के
Neelam Sharma
"क्रन्दन"
Dr. Kishan tandon kranti
घाव वो फूल है…..
घाव वो फूल है…..
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
8) दिया दर्द वो
8) दिया दर्द वो
पूनम झा 'प्रथमा'
वो मेरी कविता
वो मेरी कविता
Dr.Priya Soni Khare
🙅रहम कर यारा🙅
🙅रहम कर यारा🙅
*प्रणय*
अगर हो तुम सजग
अगर हो तुम सजग
Bimal Rajak
*हृदय की वेदना कैसे, कहो किसको बताऍं हम (गीत)*
*हृदय की वेदना कैसे, कहो किसको बताऍं हम (गीत)*
Ravi Prakash
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
तुमको अच्छा तो मुझको इतना बुरा बताते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अधिकतर ये जो शिकायत करने  व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
अधिकतर ये जो शिकायत करने व दुःख सुनाने वाला मन होता है यह श
Pankaj Kushwaha
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
खुदीराम बोस की शहादत का अपमान
कवि रमेशराज
ये आसमा में जितने तारे हैं
ये आसमा में जितने तारे हैं
कवि दीपक बवेजा
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses and Dr Ramkumar Verma and other literary dignitaries listening to him intently.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
तेरी यादों ने इस ओर आना छोड़ दिया है
Bhupendra Rawat
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
भाग्य ने पूछा हज़ारों बार,मैं तुम्हारा नाम ले पाया नहीं !
पूर्वार्थ
10/20 कम हैं क्या
10/20 कम हैं क्या
©️ दामिनी नारायण सिंह
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
मेरी हर कविता में सिर्फ तुम्हरा ही जिक्र है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
हम मुकद्दर से
हम मुकद्दर से
Dr fauzia Naseem shad
मन मुकुर
मन मुकुर
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
* विदा हुआ है फागुन *
* विदा हुआ है फागुन *
surenderpal vaidya
भारत के जोगी मोदी ने --
भारत के जोगी मोदी ने --
Seema Garg
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
कहां गयी वो हयादार लड़कियां
shabina. Naaz
Loading...