Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Apr 2023 · 1 min read

हम ख़्वाब की तरह

ऐ ज़िन्दगी तुझे हम जब भी आज़माते हैं ।
हम ख़्वाब की तरह हक़ीक़त में टूट जाते हैं।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
9 Likes · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
पूर्वार्थ
गणेश जी का आत्मिक दर्शन
गणेश जी का आत्मिक दर्शन
Shashi kala vyas
अधर्म का उत्पात
अधर्म का उत्पात
Dr. Harvinder Singh Bakshi
कितने एहसास हैं
कितने एहसास हैं
Dr fauzia Naseem shad
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
संदली सी सांझ में, ज़हन सफ़ेद-कागज़ के नाव बनाये।
Manisha Manjari
सरकार अगर बेटियों के लिए पिस्टल/रिवाल्वर का लाइसेंस आसान व उ
सरकार अगर बेटियों के लिए पिस्टल/रिवाल्वर का लाइसेंस आसान व उ
Anand Kumar
.
.
*प्रणय*
*रंगों का ज्ञान*
*रंगों का ज्ञान*
Dushyant Kumar
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
শিবকে ভালোবাসি (শিবের গান)
Arghyadeep Chakraborty
अजनबी !!!
अजनबी !!!
Shaily
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
वह बचपन के दिन
वह बचपन के दिन
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
तुझे लोग नहीं जीने देंगे,
Manju sagar
" वजन "
Dr. Kishan tandon kranti
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
तारिणी वर्णिक छंद का विधान
Subhash Singhai
शिव-शक्ति लास्य
शिव-शक्ति लास्य
ऋचा पाठक पंत
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
दूरी इतनी है दरमियां कि नजर नहीं आती
हरवंश हृदय
*श्रग्विणी/ श्रृंगारिणी/लक्ष्मीधरा/कामिनी मोहन* -- (द्वादशाक
*श्रग्विणी/ श्रृंगारिणी/लक्ष्मीधरा/कामिनी मोहन* -- (द्वादशाक
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
सबको खुश रखना उतना आसां नहीं
Ajit Kumar "Karn"
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
तेरी जुल्फों के साये में भी अब राहत नहीं मिलती।
Phool gufran
बड़ा कौन
बड़ा कौन
Sanjay ' शून्य'
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
प्रीत पराई ,अपनों से लड़ाई ।
Dr.sima
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
जैसे तुम कह दो वैसे नज़र आएं हम,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4716.*पूर्णिका*
4716.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
gurudeenverma198
इच्छाओं  की  दामिनी,
इच्छाओं की दामिनी,
sushil sarna
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह  हौसलों से होती है , तलवारो
हौसला कभी टूटने नहीं देना , फ़तह हौसलों से होती है , तलवारो
Neelofar Khan
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
मैने कभी बेहतर की तलाश नही की,
Mukul Koushik
समय
समय
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...