हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते…
हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते…
नहीं जान पाते कि अंदर से वो क्या है!
बस चिकनी चुपड़ी बातों पे भरोसा करके,
खींचे चले आते और देते ज़िंदगी गंवा हैं!!
…. अजित कर्ण ✍️
हम किसी का वाह्य स्वरूप ही देख पाते…
नहीं जान पाते कि अंदर से वो क्या है!
बस चिकनी चुपड़ी बातों पे भरोसा करके,
खींचे चले आते और देते ज़िंदगी गंवा हैं!!
…. अजित कर्ण ✍️