102. हम किसान मजदूर हैं
एक किसान
बहुत परेशान
मिले न दाम #1#
वो मजदूर
किया काफी विनती
कोई न सुना #2#
रोता रहा वो
तड़पता रहा वो
कोई न पूछा #3#
हम किसान
बहुत मजबूर
किया लाचार #4#
नींद न आवे
रातभर वो जागे
लाभ ना पाये #5#
विनती किया
सब धुन में मग्न
कोई न देखा #6#
किसी का सुना
अपनी धुन में था
बात न किया #7#
ये था विश्वास
उम्मीद ना टूटेंगे
वो तोड़ गये #8#
हम किसान
कमजोर नहीं थे
पर टूट गये #9#
नींद न आया
मैं रातभर जागा
लाभ न पाया #10#
जल्लाद है वो
जो फैसला न करें
रहना दूर #11#
इससे अब
भगवान बचाये
हम क्या बोलें #12#
टूटेंगे ना वो
उम्मीद है उसपे
साँस है बाकी #13#
तेरे साथ में
मजबूत रहेंगे
नहीं झुकेंगे #14#
कर कोशिश
तू हिला ना पाओगे
लगा लो जोर #15#
मजबूत हैं
वो हमारे इरादे
जो तू सुने हो #16#
हम किसान
हूँ मैं ईमानदार
ना बेईमान #17#
मजदूर हूँ
मजबूर नहीं मैं
याद रखना #18#
कवि – मनमोहन कृष्ण
तारीख – 18/02/2021
समय – 03 : 32 ( शाम )
संपर्क – 9065388391