“ हम कलाकार आ दर्शक दूनू छी “
डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
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एहि मे संदेहक कोनो गुंजाइश नहि जे फेसबूक एक विशाल रंगमंच अछि आ हमरा लोकनि एहि विशाल रंगमंचक कलाकार ! विविध अभिनय सं इ कलामंच सुशोभित होइत अछि ! गायन सुनू ,गीत सुनू ,कविता क विभिन्य रसक स्वादन करू ,भाषा सीखु ,अभिनय क प्रशिक्षण लिय ,दिग्दर्शनक भंगिमा सीखु ,चित्रकारी ,वाध्ययन्त्र क प्रस्तुति सुनू ,महान -महान व्यक्तिक दर्शन करू ,कला संस्कृति आ पारंपरिक विधि विधान क अवलोकन करू ! हम एहि रंगमंचक छोट -पैघ कलाकार क संगे -संगे दर्शक सहो भेलहूँ !
जहन अभिनय करैत छी त हम कलाकार बनि जाइत छी आ जहन आनक अभिनय क अवलोकन करैत छी तखन एक निपुण दर्शक ! हमर टीका -टिप्पणी ,समालोचना ,आलोचना ,आभार अभिनंदन आ प्रशंसा कलाकार क हेतु ताली बाजोनाई ,पीठ थपथपेनाई ,ढाडस बँधेनाई दर्शक क भंगिमा बुझल जाइत अछि ! इ स्पष्ट भ गेल हम अभिनेता आ दर्शक दूनू छी ! सब महानायक नहि बनि सकैत छथि ! मुदा निरंतर प्रयास आ अनुकरण सं दिव्य नायक त अवश्य बनि जेताह ! अभिनय ,लेखनी आ सब तरहक प्रस्तुति मे सत्यम ,शिवम आ सुंदरम क मापदंड क आवश्यकता होइत छैक ! सफलता क उच्चतम शिखर पर पहुँचि धरातल केँ नहि बिसरि ! इएह मूलमंत्र अछि !
जहन दर्शकक भंगिमा मे उतरि जाइत छी ,तखन हम जज क पद पर आसीन भ जाइत छी ! हमर टीका -टिप्पणी ,समालोचना ,आलोचना ,आभार अभिनंदन , प्रशंसा , ताली बाजोनाई ,पीठ थपथपेनाई ,ढाडस बँधेनाई कलाकारक लेल उत्कृष्ट उपहार भ जाइत छैक ! दर्शक क उत्तरदायित्व अभिनय सं महान बुझल गेल अछि ! शालीनता ,शिष्टाचार ,मृदुलता पर आधारित टीका -टिप्पणी ,समालोचना ,आलोचना अमृत समान होइत अछि ! अज्ञानता आ आवेग मे केल गेल टिप्पणी मर्मभेदी भ जाइत ! एहि तरहक व्यक्ति सब स्थान पर रहय छथि !
रंगमंचक कलाकार आर दर्शक लोकनि केँ बहुत पैघ उत्तरदायित्व छैनि ! जखन अभिनय करि रंगमंच पर त अमिट छाप छोड़ि आ जखन दर्शक बनि त शालीनता ,शिष्टाचार ,मृदुलता क आवरण केँ परित्याग कखनो नहि करि !!
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डॉ लक्ष्मण झा “ परिमल “
साउन्ड हेल्थ क्लिनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत