***हम करें करेंगे प्यार***
मैं तेरा तू मेरी, जग क्यों बना यह बेरी।
प्रीत है अपनी घनेरी, फिर भी क्यूं मजबूरी।
मिल न हम तो पाए, पहरे लोग बिठाएं।
हम दोनों चल उड़ जाएं, दुनिया अपनी बसाएं।
हम करें करेंगे प्यार, अपना तो यही एक संसार ।।
पंछी उड़ने वाले, तोड़ देते सब ताले।
उन्मुक्त गगन ही प्यारा , तरू ही घर है हमारा।
दिन भर की थकान मिटा के, जहां गुजरे सांझ सवेरा
जंजीरे हम पे ना डालो, रे सुन लो दुनिया वालों।
साथ में तुम भी उड़ लो ,राह हमारी पकड़ लो।
होगी कभी ना हार, अपना तो यही एक संसार।।
हम करें करेंगे प्यार ,अपना तो यहीएक संसार।।
राजेश व्यास अनुनय