हम करना कुछ चाहते हैं
हम करना कुछ चाहते हैं
लेकिन होता कुछ और है
जो सोचते हैं वो कार्य नहीं करते हैं
जो कार्य करते हैं वह सोचते नहीं है
हम जो चाहते हैं वह होता नहीं है
होता वही है जो हम आज़ करते हैं
यह बात जानते हुए भी
वक्त क्यों बर्बाद करतें हैं
_ सोनम पुनीत दुबे