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16 Apr 2024 · 1 min read

हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,

हम उस महफिल में भी खामोश बैठते हैं,
जहाँ लोग अक्सर अपनी हैसियत के गुण-गान गाते है.

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