हम उदारवादी रे।
हम उदारवादी रे।
-आचार्य रामानंद मंडल।
हम छी उदारवादी रे।
हमरा दे सम्मान रे।
तोरा देबौ मान रे।
हमरा कह यौ रे।
तोरा कहबौ रौ रे।
हम रखैछी मूंछ रे।
तूहो मूंछ राख रे।
हमर मूंछ उठल रे ।
तोहर मूंछ खसल रे ।
हम धोती पहिने रे।
तूहो धोती पहिन रे।
हम पहिनव लाल रे।
तू पियर पहिन रे।
हम चनन कैली रे।
तूहो चनन कर रे।
हमर चनन लाल रे।
तोहर चनन उज्जर रे।
हम शिखा रखली रे।
तूहो शिखा राखि रे।
हमर शिखा मोट रे।
तोहर शिखा पातर रे।
हम रखली सिरत्रान रे।
तूहो राखि सिरत्रान रे।
हम पेन्हव पाग रे।
तू बंधिए मुरेठा रे।
हम तोहर पुरहित रे।
तू हमर यजमान रे।
हम तोरा कहबौ रे।
वोहे तूही करिहे रे।
रामा हम उदारवादी रे।
स्वरचित @सर्वाधिकार रचनाकाराधीन।
रचनाकार -आचार्य रामानंद मंडल सामाजिक चिंतक सह साहित्यकार सीतामढ़ी