!! हम आपको प्यार से सलाम करते हैं !!
नफरत के काबिल समझते हो तो नफरत करो
गर प्यार के काबिल समझते हो प्यार करो
हमने अपनी तो फितरत ही कुछ ऐसी बना रखी है कि
जो हम से नफरत करता है, हम उनसे प्यार करते हैं !!
कह देगा अलफ़ाज़ बुरे भले तो क्या फर्क पड़ेगा
अपना खून उबाल कर अपना ही नुक्सान करेगा
पैरवी तो हम को किसी की करनी आती नहीं ऐ दोस्त
आ जाती तो दुनिया के महान जज ही न बन जाते !!
आके हमारे पास दिखा जाना बेशक अपना रौद्र रूप
हम ने तो प्यार के वार से सब को हराया हुआ है
जिस ने भी नफरत के बीज बो बोकर फसल पैदा की थी
उस को अपने प्यार के पानी से ही लहराया हुआ है !!
दुश्मन के मन में घुस कर अपने जज्बे को सलाम करते हैं
काट देते हैं अपने प्यार की दरांती से फनाह करती हुई
उस घास को, जो घुस के हम को भी नुक्सान करती है !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ