हम आज भी हैं आपके…..
दिल से वफ़ा की रस्म निभाकर तो देखिए,
हम आज भी हैं आपके आकर तो देखिए।।
छट जायेंगे अँधेरे यक़ीनन ही एक दिन,
उम्मीद का चराग़ जलाकर तो देखिए।।
रह जायेगा न आपको शिकवा-गिला कोई,
है फ़ासला जो उसको मिटाकर तो देखिए।।
फ़ीका पड़े न चाँद तो कहियेगा फिर जनाब,
रुख़ से ज़रा नक़ाब हटाकर तो देखिए।।
ऐसे न बंद आना कभी होंगी हिचकियाँ,
होंटों पे नाम मेरा भी लाकर तो देखिए।।
कैसे न कामयाब हो मक़सद यहाँ कोई,
आँखों से नींद आप उड़ा कर तो देखिए।।
रुसवा करेगा आपको दुनिया में क्या कोई,
पलकों में “अश्क” अपने छुपाकर तो देखिए।।
© अशोक कुमार ” अश्क चिरैयाकोटी ”
दि०:22/07/2022