हम आगे बढ़ते जायेंगे……
जीवन पथ पर चलते हुए शायद लड़खड़ा जाएँ
बढ़ने की कोशिश में हम शायद थोड़ा घबरा जाएँ ,
पर पूरी हिम्मत से हम फिर खड़े हो जायेंगे ,
चाहे जो भी परिस्थितियाँ हों ….. हम आगे बढ़ते जायेंगे……
कितने तूफानों से टकरा कर भी समुन्दर शान से रहता है
कितने चट्टानों से टकरा कर भी नदियों का पानी अविरल बहता है ,
फिर क्यों मुसीबतों से घबरा कर हम बैठे रह जायेंगे ?
चाहे जो भी परिस्थितियाँ हों ….. हम आगे बढ़ते जायेंगे……
हर दिन रोशनी देते हुए सूरज कभी ना थकता है
हर रात अँधेरे को चीर रोशनी देने को चाँद निकलता है
फिर क्यों हम मान लें कि हम सफल नहीं हो पाएंगे ?
चाहे जो भी परिस्थितियाँ हों ….. हम आगे बढ़ते जायेंगे……
मन में ढृढ़ प्रतिज्ञा हो तो आसमान भी खुद झुक जाता है
कर लें संकल्प अगर तो समय भी खुद रुक जाता है
इन अटल इरादों से क्या हम दुनिया मुट्ठी में ना कर पाएंगे ?
चाहे जो भी परिस्थितियाँ हों ….. हम आगे बढ़ते जायेंगे……