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7 Jun 2023 · 1 min read

हम आगाज़ी हैं।

तुम्हारा लहू तो ठंडा है,
तुम्हारा लहू तो पानी है।
नब्जों में उबाल उठा है,
गर्व है हम आगाज़ी हैं।
आसमां के सीने पर चढ़ कर
ऐसे हम हुंकारेंगे,
सागर थर्राएगा हमसे
डर कर तूफान भागेंगे।
चीर देंगे तमस्वी का सीना,
धवल रक्त की नदी बहेगी।
कंठ पकड़ लेंगे चपला के,
कहेंगे तू यहीं रहेगी।
जिनको भी उन्माद है मन में,
सोचे कि वो सबसे बड़े।
उनको मिलना है अब हमसे,
हम नई सोच के काज़ी हैं।
नब्ज़ों में उबाल उठा है,
गर्व हैं हम आगाजी हैं।

Language: Hindi
188 Views
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