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26 Jan 2024 · 1 min read

हमे अब कहा फिक्र जमाने की है

हमे अब कहा फिक्र जमाने की है
फिक्र तो बस दो रोटी कमाने की है

किसी का नाम लिए बिना ही
खुद का नाम बनाने की है

मैं भी महोब्बत करना चाहता हूं अब
तलब मुझे अब बर्बाद हो जाने की है

बड़ा सब्र कर लिया है मैने हर बात के लिए
चाहत अब सब कुछ पा जाने की है

यूं तो सिलसिले चलेंगे तेरे बगहर भी
आस तो तेरे साथ जिंदगी बिताने की है

दुखो की भीड़ में बड़ा जी लिया पवन
उम्मीद अब लोगो को तेरे मर जाने की है

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