हमें हुनर से नहीं, पाखंड से प्रेम है.
हमें हुनर से नहीं.
पाखंड से प्रेम है.
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हुनर नहीं मोहताज.
चढ़ बोलता है सरताज.
पर ऐसा हुआ नहीं.
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दबा दिया गया.
ढाँप दिया गया.
इसे नाम देकर.
नीचा दिखाया गया.
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फैले खुशबू कैसे ?
डाली से टूट.जब फूल.
अलग धड़ाम गिरा.
खुशबू तेरा नाम.
बदनाम (बदबू) हुआ.
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हुनर था.
जब तलक चार-दीवारी (वर्ण-व्यवस्था)
घिरे रहा.
बाहर आये.
बाटा आउटलेट हुआ.
हुनर फिर भी.
अछूत नाम से.
बदनाम रहा.
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डॉ महेंद्र